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Showing posts from February 8, 2015

स्वाइन फ्लू के लक्षण, बचाव के उपाय और होम्योपैथी इलाज

इंफ्लूएंजा ए वायरस के एक प्रकार ‘ एच -1- एन -1‘ के इंसान संस्करण द्वारा स्वाइन फ्लू उत्पन्न होता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की ही फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता है , तो छोटी बून्दे थोडे समय के लिए हवा में फैल जाती हैं , छोटी बून्दो में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं। यदि आप इन संक्रमित बून्दो के बीच सांस लेते हैं , या आप इस संक्रमित सतह को छूते हैं , तो आप इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि इस नए वायरस के प्रति अधिकतर लोगों में प्रतिरोधक क्षमता की कमी है , इसीलिए जब वे वायरस के संसर्ग में आते हैं , तो स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने का खतरा अधिक रह्ता है।   स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रामक है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक बहुत तेज़ी से फैलता है।   जब कोई खांसता या छींकता है , तो छोटी बून्दो में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं। जिस पर ये वायरस 24 घंटो तक जीवित रह सकते हैं । आप इस वायरस से ...