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डायबिटीज़ सावधानी इलाज से बेहतर है

डायबिटीज़ जैसी बीमारी प्राकृतिक या अनुवांशिक कारणों से हो सकती है। यह एक ऐसा विकार है, जिसमें रक्तक में इन्सुसलिन का स्त बढ़ जाता है। डायबिटीज़ मुख्यात: दो कारणों से होता है, या तो शरीर में इन्सुहलिन का बनना बंद हो जाये या फिर शरीर में इन्सुरलिन का प्रभाव कम हो जाये। दोनों ही परिस्थितियों में शरीर में ग्लूसकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है।


डायबिटीज़ के मरीज़ों को आहार की विशिष्ट  सलाह दी जाती है यह विकार आजीवन रहने वाला है इसलिए अच्छाक होगा कि आप सावधानियां बरतें और अपनी जीवनशैली को थोड़ा संतुलित बनायें।

शिवम नेत्रालय के आप्थैहमालाजिस्टड डाक्टेर अशोक हन्सामरिया के अनुसार ऐसा ज़रूरी नहीं कि डायबिटीज़ के बढ़ जाने से आपको कोई तकलीफ हो। इसलिए समय-समय पर रक्त जांच कराते रहें।

डाक्ट अशोक के अनुसार ऐसे आहार जिनसे डायबिटिक्सब को परहेज़ करना चाहिए:
डायबिटिक्स  को आहार के इन नियमों को अपनाने के साथ-साथ कुछ और सावधानियां भी बरतनी चाहिए, जैसे : 
1.    नियमित शुगर लेवल की जांच करायें।
2.    अगर आपको किसी भी प्रकार का घाव हुआ हो, तो उसे खुला ना छोड़ें।
3.    फलों का रस लेने के बजाय, फल खायें।  
4.    व्या याम करें और अपना वज़न नियंत्रित रखें।

·          ग्लूिकोज़, चीनी, जैम, गुड़, मिठाईयां, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री ज़, चाकलेट।
·          तले हुए आहार या प्रासेज्डन फूड
·          व्यकवसायिक ठंडे-मीठे पेय पदार्थ
·          धूम्रपान
·          सूखे मेवे, बादाम, मूंगफली
·          आलू, शकरकंद, मटर, सेम जैसी सब्जियां
·          केला, शरीफा, चीकू, अन्जीेर, खजूर जैसे फलडायबिटिक्से इन आहार को पर्याप्तग मात्रा में ले सकते हैं :
·          सलाद, कच्चीन सब्जि़यां,
·          सब्जि़ेयों के सूप
·          चाय, काफी या नीबू पानी
·          सैकरीन

थोडी सी सावधानी अपनाएं और आप भी सामान्यन लोगों की तरह जीवन-यापन कर सकते हैं। ज़रूरत है अपनी आदतें बदलने की  

होमियोपैथी से करें डायबिटीज़ की चिकित्सा ;


होमियोपैथीक चिकित्सा से मधुमेह की बीमारी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है, और मधुमेह से होनेवाली गम्भीर स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

मधुमेह के लिए होमियोपैथी औषधियां

मधुमेह के रोग में उपयोग में आने वाली दवाईयों को छह समूहों में बांटा जा सकता है, जैसे कि एसिड्स, मेटल्स, मिनरल्स , प्लांट्स, जैविक औषधियां और ओर्गनो थेरपिक उपचार ।
मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में आए जाने वाले एसिड्स हैं ;
• एसेटिक एसिड, लेक्टिक एसिड, फ़ॉस्फोरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, पिकरिक एसिड, कार्बोलिक़ एसिड, और फ्लोरिक एसिड । डायबीटिज मेलिटस’ से उत्पन्न कमज़ोरी के अलावा एसिडोसिस पर भी काबू पाया जा सकता है, जो कि ‘डायबीटिक मेलिटस’ में सबसे बड़ा खतरा है।
मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में आए जाने वाले मेटल्स हैं ;
• औरम मेट, अर्जेंटम मेट, अर्जेंटम नाइट्रिकम, यूरेनियम नाइट्रिकम, वैनेडियम मेट, प्लमबम मेट, क्युपरम आर्स आदि |
मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में आए जाने वाले मिनरल्स हैं ;
आर्स एल्ब, सल्फर, सिलिसिआ, आइओडम, नेट्रम सल्फ आदि |
मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में आए जाने वाले प्लांट्स है ;
• सेफ़ालन्ड्रा इंडिका, चिमाफिला, चिओननथस, चाइना ऑफ ,कुरारा, नक्स वोम, हेलेबोरस नाइजर आदि औषधियां है जो पौधों से प्राप्त होती है |
मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में आए जाने वाले जैविक औषधियां है ;
• जीवों या उनके उत्पादों से प्राप्त होनेवाली औसधियाँ जैसे मोसकस, क्रोटालस होरीडस, लेचेसिस, टरेंटुला और लेक़ डिफ्लोरेटम आदि |
मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में आई जाने वाली ओर्गेनो थेरेपिक औषधियां है ;
• इंसुलिनम, पेनक्रेअटिन, एड्रेनलिन, यूरिया, लेक्टिथिन और अन्य |
मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में आई जाने वाली बायोकेमिक औषधियां है ;
• नैट्रम म्यूर, नैट्रम सल्फ़, नैट्रम फ़ोस, काली म्यूर और काली सल्फ़ आदि बायोकेमिक उपचार में शामिल हैं।
एक सफल होमियोपैथिक चिकित्सक इन सारी औषधियों में से सार्वदैहिक लक्षणों तथा रोग लक्षणों के आधार पर औषधि विशेष का प्रयोंग कर हाइपरटेंशन, डाइबीटिक नेफ़्रोपेथी, आर्टेरिओस्क्लेरोसिस, मानसिक और शारीरिक थकान और कमज़ोरी, गैंगरीन, और मधुमेह से संबंधित पाचन तंत्र की समस्याएं, नपुसंकता, दृष्टि संबंधी समस्याएं आदि बहुत सारे अन्य लक्षणों से पीडित रोगियों का सफलता पूर्वक उपचार करते है।
होमियोपैथीक चिकित्सा किसी रोगी के सार्वदैहिक लक्षणों, रोग लक्षणों तथा उसके व्यक्तित्व की विशेषताओं पर निर्भर करती है। इसीलिए दो रोगियों का रोग एक समान हो सकता है किन्तु उनको दी जाने वाली होमियोपैथीक औषधियां कभी भी समान नहीं हो सकती है |
कुछ निश्चित होमियोपैथी औषधियां मधुमेह से पीडित व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है। जिन मधुमेह के मरीज़ों का सामान्य स्वास्थ्य बहुत कमज़ोर है, उनके मधुमेह के रोग पर अच्छी तरह से नियंत्रण रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। साधारण स्वास्थ्य में सुधार होने से शरीर तन्दुरस्त होता है, और ब्लड ग्लूकोज़ को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक दवाओं की खुराक और मात्रा भी कम कर दी जाती है और ब्लड ग्लूकोज़ के नियंत्रण में सुधार होता है। मरीज़ के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए सिज़िगिम, यूरेनियम नाइट्रिकम, फ़्लोरिड्ज़िन (यह सेब और अन्य फलों के पेड की जड से प्राप्त होता है)- जैसे उपचारों का उपयोग किया जाता है।
होमियोपैथीक चिकित्सा के दौरान सावधानियाँ ;
यदि आप मधुमेह के रोगी हैं, और होमियोपैथी चिकित्सा का उपयोग करना आपका अपना निर्णय है,तो इस चिकित्सा का उपयोग सावधानी से करें। इन दवाओं का शरीर पर बहुँत अच्छा प्रभाव होता है, और ये दवाईयां आपके रक्त में शर्करा का स्तर को नियंत्रित करने में आपकी मदद भी करती हैं। यध्यपि ये दवाईयां आपको फ़ायदा पहुंचांती हैं,तथापि आप मधुमेह के लिए नियमित तौर पर ली जाने वाली इंसुलिन या अन्य दवा उपचार को बन्द करने से पहले अपने चिकित्सक की राय अवश्य लें। इस चिकित्सा के असर को जांचने के लिए अपने रक्त के शुगर का निरीक्षण करते रहें। ‘डाइबीटिक कोमा’ जैसी स्थिति में आपातकालीन चिकित्सा सहायता लेना हि चाहिए ।
यदि आप एक मधुमेह के रोगी हैं, और मधुमेह के लिए होमियोपैथी चिकित्सा का उपयोग करना चाहते हैं, तो कृपया अपने चिकित्सक को इस बात की जानकारी अवश्य दें।
प्रस्तुत लेख का उद्देश्य, जनसामान्य में होमियोपैथिक चिकित्सा जैसी निर्दोष पद्धति के प्रति जागरूकता लाना मात्र है, कोई भी व्यक्ति लेख में वर्णित किसी भी औषधि को किसी कुशल होमियोपैथिक चिकित्सक से परामर्श के बाद हि लें, अपने आप किसी भी औषधि का प्रयोंग ना स्वयं पर करें, ना हि किसी अन्य रोगी पर कर के अपने तथा उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड करें...पाठकों से ऐसी हमारी करबद्ध प्रार्थना है......!!
होमियोपैथी के साथ हि साथ अब तो आधुनिक चिकित्साविज्ञान भी ये मान चुका है की शरीर में कोई भी रोग, तब तक अपने लक्षण नहीं प्रकट कर पाता जब तक की शरीर का रोगप्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है, भले हि फिर शरीर में रोग के कीटाणुओं से सम्बंधित सारे टेस्ट पोजिटिव आये.....जैसे हि शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता घटी की शरीर पर रोग का आक्रमण हो जाता है......बस इसी स्थिति से निबटने के लिये आश्रम द्वारा तैयार किया गया है " होमियो पॉवर केअर "...जो कभी भी आप के शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को घटने नहीं देता...और देता है शरीर में स्फुर्ती और बल.......|

यह दवायें केवल उदहारण के तौर पर दी गयी है। कृपया किसी भीदवा का सेवन बिना परामर्श के ना करेक्योकि होम्योपैथी में सभीव्यक्तियों की शारीरिक और मानसिक लक्षण के आधार पर अलग -अलग दवा होती है।

Dr.GurpreetSingh Makkar

HOMEOPATHIC PHYSICIAN 
SUKHMANI HOMEOPATHIC MULTISPECIALITY CLINIC
9872-735707
WWW.ASKDRMAKKAR.COM



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