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पथरी (किडनी स्टोन) के लक्षण, कारण, इलाज, अचूक गुर्दे की पथरी का होमियोपैथिक इलाज

पीठ के निचले हिस्से में अथवा पेट के निचले भाग में अचानक तेज दर्द, जो पेट व जांघ के संधि क्षेत्र तक जाता है। दर्द फैल सकता है या बाजू, श्रोणि, उरू मूल, गुप्तांगो तक बढ़ सकता है, यह दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बना रहता है तथा बीच-बीच में आराम मिलता है। दर्दो के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी होने की शिकायत भीहो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं ; बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है। अंडकोशों में दर्द, पेशाब का रंग असामान्य होना। गुर्दे की पथरी के ज्यादातर रोगी पीठ से पेट की तरफ आते भयंकर दर्द की शिकायत करते हैं। यह दर्द रह-रह कर उठता है और कुछ मिनटो से कई घंटो तक बना रहता है इसे ”रीलन क्रोनिन” कहते हैं। यह रोग का प्रमुख लक्षण है, इसमें मूत्रवाहक नली की पथरी में दर्दो पीठ के निचले हिस्से से उठकर जांघों की ओर जाता है। http://www.askdrmakkar.com/kidneystone_urolithiasis_homeopathic_treatment.aspx बचाव के

पथरी (किडनी स्टोन) के लक्षण, कारण, इलाज, अचूक गुर्दे की पथरी का होमियोपैथिक इलाज

पीठ के निचले हिस्से में अथवा पेट के निचले भाग में अचानक तेज दर्द, जो पेट व जांघ के संधि क्षेत्र तक जाता है। दर्द फैल सकता है या बाजू, श्रोणि, उरू मूल, गुप्तांगो तक बढ़ सकता है, यह दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बना रहता है तथा बीच-बीच में आराम मिलता है। दर्दो के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी होने की शिकायत भीहो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं ; बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है। अंडकोशों में दर्द, पेशाब का रंग असामान्य होना। गुर्दे की पथरी के ज्यादातर रोगी पीठ से पेट की तरफ आते भयंकर दर्द की शिकायत करते हैं। यह दर्द रह-रह कर उठता है और कुछ मिनटो से कई घंटो तक बना रहता है इसे ”रीलन क्रोनिन” कहते हैं। यह रोग का प्रमुख लक्षण है, इसमें मूत्रवाहक नली की पथरी में दर्दो पीठ के निचले हिस्से से उठकर जांघों की ओर जाता है। http://www.askdrmakkar.com/kidneystone_urolithiasis_homeopathic_treatment.aspx बच

सर्दी का मौसम,दूर करने के लिए होम्योपैथी, इलाज, औषधियों से उपचार :-,

सर्दी का मौसम आमतौर पर बीमारियों की ज्यादा जाना जाता है। इस मौसम में लोगों को ज्यादातर खांसी, जुकाम की शिकायतों से ज्यादा परेशान रहते है। वहीं आपकों यह भी यकीन करना होगा कि सर्दी का मौसमही स्त्री व पुरूष को करीब लाता है।  मित्रो ,बहनों अब सर्दिय आने वाली है और जिस घर में भी छोटे बच्चे है वो बच्चो के सर्दी खासी जुकाम से अमूमन परेशां होते ही है ,ये पोस्ट इसी विषय को ले कर लिखी गई ह ै ,आशा है आपके काम आएगी और आप सभी इसे अपने मित्रो और ग्रुप में भी शेयर करेगे ताकि वो भी और कोई अंजन महिला ,या मित्र इस का फायदा ले ,अभी तक मैंने महसूस किया है की आप किसी को ख़ुशी दीजिये तो कोई और आपको ख़ुशी जरुर देगा ,फिर आप भी तो मेरे साथ है आइये दुसरो को भी ख़ुशी दे ,उन्हें भी इस पोस्ट को भेजे ,शेयर करे ,चाहे आप इसे अपने नाम से करे . बच्चों की सर्दी-खांसी होने पर औषधियों का प्रयोग :- 1. एकोनाइट :- अधिक ठण्ड लगने के कारण बच्चे को सर्दी-जुकाम होना। सर्दी लग जाने के कारण खांसी उत्पन्न होती है और बुखार हो जाता है। नाक से नजला स्राव होने के कारण नाक बंद हो जाती है। नाक बंद होने से बच्चा हांफता रहता है जिससे ब

बुजुर्गो ने घुटने के दर्द दूर करने के लिए होम्योपैथी, इलाज, औषधियों से उपचार :-,

काफी दोस्तों ने ,बुजुर्गो ने घुटने के दर्द के बारे में मेसेज कर के पुछा है उन की जानकारी के लिए ये पोस्ट लिखी गई है ,आप भी अपने परिचित जो ये पोस्ट शेयर करे ,या इसे अपने जानकारी के ग्रुप में शेयर करे ,इस मानवता के काम में आप भी भागिदार बने ,किसी के दर्द को दूर करने में जो मन की शांति मिलती है उसे आप भी प्राप्त करे र के बड़े-बुजुर्गो को जोड़ों का दर्द अधिक सताता है. यह दर्द कई कारणों से हो सकता है. प्रमुख कारण हैं- आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस. इस दर्द को नजरअंदाज करने के बजाय अगर विशेषज्ञों द्वारा बताये गये उपायों को हम अमल में लाएं, तो जिंदगी आसान हो सकती है. दर्द से लड़ने की खास जानकारी दे रहे हैं दिल्ली व पटना के एक्सपर्ट.   जोड़ों में दर्द का एक प्रमुख कारण आर्थराइटिस है. इसे ही गठिया भी कहते हैं. विशेष कर 60 उम्र के बाद यह रोग परेशान करता है. इसके रोगी के हड्डियों में सूजन, अकड़न और जोड़ों में दर्द होता है. ऐसा जोड़ों में यूरिक एसिड जम जाने से होता है. यूरिक एसिड के जमने से मरीज के जोड़ों में गाठें भी बन जाती हैं. यह बीमारी किसी को भी हो सकती है. मगर अधिकतर मामलों में यह अध

रुसी (dendruff ) को दूर करने के लिए होम्योपैथी, इलाज, औषधियों से उपचार :-,

कई बार कितनी भी साफ़ सफाई रखने के बाद हम सभी में से किसी न किसी को बालो में रुसी (dendruff )की शिकायत हो जाती है ,कई बार ये बड़ी ही मामूली सी और कई बार बड़ी ही ज्यादा ,आइये इस में कोन सी होम्यो दवाई काम करती है जानते है , सभी के लिए एक काम की पोस्ट ,खुद ध्यान से पढ़े और मानवता की सेवा के लिए चाहे तो शेयर भी करे .. परिचय- किसी भी व्यक्ति के सिर में जब सफेद रंग की सूखी पपड़ी सी जम जाती है तो उसे रूसी कहा जाता है। रूसी होने से वैसे तो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर कोई असर नही पड़ता लेकिन फिर भी अगर सिर में ज्यादा रूसी हो जाती है तो कहीं शादी-पार्टी आदि में जाने पर रूसी बालों में बहुत ज्यादा चमकती है और व्यक्ति का सिर सफेद-सफेद सा लगता है जिससे व्यक्ति को अपना अपमान सा महसूस होता है। कारण- सिर में रूसी पैदा होने का कारण अक्सर पुराने लोगों में चली आ रही रूसी भी होती है जैसे बच्चे से पहले उसके दादा-दादी के सिर में, मम्मी-पापा के सिर में रूसी होती है तो रूसी बच्चे के सिर में भी हो जाती है। इसके अलावा सिर में ज्यादा पसीना आने से, ज्यादा मानसिक या शारीरिक मेहनत करने से, गलत साबुनों से सिर को धोने से,

स्वप्नदोष, व धातुदोष, को दूर करने के लिए होम्योपैथी, इलाज, औषधियों से उपचार :-

आजकल ही नहीं पहले से ही नौजवानों को ये कह कर डराया जता रहा है की उन्हें होने वाला रात को अनचाहा वीर्यपात उन्हें अंदर से खोखला कर देगा और इसका कोई सस्ता इलाज नहीं है ,बेचारो से हजारो ही नहीं लाखो तक लूट लिए जाते है  पर मेरे भाइयो अब आप सस्ते इलाज से भी सही हो सकते है  आप होम्योकी इन दवाइयों से सही हो सकते है बशरते आप दवाई लक्षण के अनुसार ले http://www.askdrmakkar.com/nocturnal_emission_spermatorrhoea_swapandosh_male_homeopathic_treatment.aspx परिचय :- इच्छा न होने पर भी वीर्यपात हो जाना या रात को नींद में कामोत्तेजक सपने आने पर वीर्य का अपने आप निकल जाना ही वीर्यपात या स्वप्नदोष कहलाता है। कारण :- यह रोग अधिक संभोग करने, हस्तमैथुन करने, सुजाक रोग होने एवं उत्तेजक फिल्मे देखने आदि के कारण होता है। बवासीर में कीड़े होने एवं बराबर घुड़सवारी करने के कारण भी यह रोग हो सकता है। लक्षण :- स्पप्नदोष या धातुदोष के कारण स्मरण शक्ति का कमजोर होना, शरीर में थकावट व सुस्ती आना, मन उदास रहना, चेहरे पर चमक व हंसी की कमी, लज्जाहीन होना, धड़कन का बढ़ जाना, सिरदर्द होना, चक्कर आना, शरीर में खून की कमी

डायबिटीज़ सावधानी इलाज से बेहतर है

डायबिटीज़ जैसी बीमारी प्राकृतिक या अनुवांशिक कारणों से हो सकती है। यह एक ऐसा विकार है , जिसमें रक्तक में इन्सुसलिन का स्त र बढ़ जाता है। डायबिटीज़ मुख्यात : दो कारणों से होता है , या तो शरीर में इन्सुहलिन का बनना बंद हो जाये या फिर शरीर में इन्सुरलिन का प्रभाव कम हो जाये। दोनों ही परिस्थितियों में शरीर में ग्लूसकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को आहार की विशिष्ट   सलाह दी जाती है । यह विकार आजीवन रहने वाला है इसलिए अच्छाक होगा कि आप सावधानियां बरतें और अपनी जीवनशैली को थोड़ा संतुलित बनायें। शिवम नेत्रालय के आप्थैहमालाजिस्टड डाक्टेर अशोक हन्सामरिया के अनुसार ऐसा ज़रूरी नहीं कि डायबिटीज़ के बढ़ जाने से आपको कोई तकलीफ हो। इसलिए समय - समय पर रक्त जांच कराते रहें। डाक्ट र अशोक के अनुसार ऐसे आहार जिनसे डायबिटिक्सब को परहेज़ करना चाहिए : डायबिटिक्स   को आहार के इन नियमों को अपनाने के साथ - साथ कुछ और सावधानियां भी बरतनी