कई बार कितनी भी साफ़ सफाई रखने के बाद हम सभी में से किसी न किसी को बालो में रुसी (dendruff )की शिकायत हो जाती है ,कई बार ये बड़ी ही मामूली सी और कई बार बड़ी ही ज्यादा ,आइये इस में कोन सी होम्यो दवाई काम करती है जानते है ,
सभी के लिए एक काम की पोस्ट ,खुद ध्यान से पढ़े और मानवता की सेवा के लिए चाहे तो शेयर भी करे ..
परिचय-
किसी भी व्यक्ति के सिर में जब सफेद रंग की सूखी पपड़ी सी जम जाती है तो उसे रूसी कहा जाता है। रूसी होने से वैसे तो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर कोई असर नही पड़ता लेकिन फिर भी अगर सिर में ज्यादा रूसी हो जाती है तो कहीं शादी-पार्टी आदि में जाने पर रूसी बालों में बहुत ज्यादा चमकती है और व्यक्ति का सिर सफेद-सफेद सा लगता है जिससे व्यक्ति को अपना अपमान सा महसूस होता है।
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परिचय-
किसी भी व्यक्ति के सिर में जब सफेद रंग की सूखी पपड़ी सी जम जाती है तो उसे रूसी कहा जाता है। रूसी होने से वैसे तो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर कोई असर नही पड़ता लेकिन फिर भी अगर सिर में ज्यादा रूसी हो जाती है तो कहीं शादी-पार्टी आदि में जाने पर रूसी बालों में बहुत ज्यादा चमकती है और व्यक्ति का सिर सफेद-सफेद सा लगता है जिससे व्यक्ति को अपना अपमान सा महसूस होता है।
कारण-
सिर में रूसी पैदा होने का कारण अक्सर पुराने लोगों में चली आ रही रूसी भी होती है जैसे बच्चे से पहले उसके दादा-दादी के सिर में, मम्मी-पापा के सिर में रूसी होती है तो रूसी बच्चे के सिर में भी हो जाती है। इसके अलावा सिर में ज्यादा पसीना आने से, ज्यादा मानसिक या शारीरिक मेहनत करने से, गलत साबुनों से सिर को धोने से, सिर में त्वचा का रोग हो जाने से, खोपड़ी में सोरायसिस हो जाने के कारण भी रूसी पैदा हो जाती है।
लक्षण-
सिर में सफेद-सफेद सी पपड़ी का जम जाना, सिर में बहुत तेज खुजली होना आदि सिर में रूसी पैदा होने के लक्षण होते हैं।
विभिन्न औषधियों का रूसी में प्रयोग-
1. सैनीक्यूला- सिर पर बहुत ज्यादा रूसी होने पर, गर्दन के पीछे के भाग में पसीना आने जैसे लक्षणों में रोगी को सैनीक्यूला औषधि की 30 शक्ति देने से लाभ मिलता है।
2. फॉस्फोरस- सिर में रूसी होने के साथ-साथ बालों का बहुत ज्यादा मात्रा में झड़ना, सिर की त्वचा का सख्त सा होना आदि लक्षणों में रोगी को फॉस्फोरस औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना लाभकारी रहता है।
3. थूजा- सिर में बहुत ज्यादा खुश्की हो जाना, रूसी के कारण पूरा सिर सफेद हो जाना, रूसी का पपड़ियों के रूप में सिर पर जमना जैसे लक्षणों में थूजा औषधि का रस या 30 शक्ति की मात्रा रोगी को सेवन कराना लाभकारी रहता है।
4. सीपिया- सिर में दाद की तरह जगह-जगह रूसी सी हो जाना और इसी के साथ बालों का भी झड़ना, बालों की जड़ों का बहुत ज्यादा नाजुक हो जाना जिसमें हाथ लगाने से ही बाल टूट जाते हैं, सिर को अगर रगड़ा जाए तो रोगी को बहुत दर्द होता है। इस तरह के लक्षणों में अगर रोगी को सीपिया औषधि की 200 शक्ति दी जाए तो रोगी को बहुत फायदा मिलता है।
5. सोरिनम- सिर में बदबूदार रूसी का हो जाना, सिर में छोटी-छोटी सी फुंसियां सी निकल जाना जिसमें से निकलने वाली पीब से बाल उसमें चिपक जाते हैं और उनका गुच्छा सा बन जाता है, बालों का रूखा-सूखा हो जाना आदि लक्षणों में रोगी को सोरिनम औषधि की 200 शक्ति देने से रोगी के सिर में से रूसी कुछ ही समय में कम हो जाती है।
6. फ्लोरिक ऐसडि- सिर की त्वचा बहुत ज्यादा रूखी हो जाना, सिर में से रूसी कपड़ों आदि पर झड़ती रहती है जिसके कारण बाल भी झड़ना शुरू हो जाते हैं, सिर की त्वचा बहुत ज्यादा नाजुक हो जाती है। इस तरह के लक्षणों में अगर रोगी को फ्लोरिक ऐसिड की 6 शक्ति दी जाए तो यह उसके लिए बहुत ही लाभदायक रहती है।
7. मेजेरियम- सिर पर मोटे-मोटे छिछड़ों का जम जाना जिनके नीचे मवाद जमा हो जाती है जिसका बहुत बुरा असर सिर की त्वचा पर पड़ता है, सिर में बहुत तेज खुजली होना, रूसी हो जाना, बालों का झड़ जाना आदि लक्षणों में मेजेरियम औषधि की 6 या 30 शक्ति का प्रयोग करना रोगी के लिए उपयोगी रहता है।
8. सल्फर- सिर में खुश्की हो जाना, बालों का झड़ने लगना एवं सिर में बहुत तेज खुजली होना जैसे लक्षणों में रोगी को सल्फर की 30 शक्ति देने से लाभ मिलता है।
9. नैट्रम-म्यूर- सिर में खुश्की हो जाना, नाक से किसी भी तरह की गंध का पता लगना बंद हो जाना, जुकाम होना जैसे लक्षणों का एक-एक करके बदल-बदल कर आने में रोगी को नैट्रम-म्यूर की 30 शक्ति देने से लाभ मिलता है।
10. आर्सेनिक-
अगर किसी व्यक्ति के सिर से सूखी रूसी झड़ती रहती है तो उसे हर 6 घंटे के बाद आर्सेनिक औषधि की 3 शक्ति लेना लाभकारी रहता है।
किसी भी स्थान की त्वचा पर से रूसी निकलने पर आर्सेनिक औषधि की 3x या 30 शक्ति का प्रयोग करना लाभकारी होता है। यदि इसमें आर्सेनिक औषधि से लाभ न मिले तो ग्रैफाइटिस- 6 या लाइको- 12 या सिपिया- 30 या रेडियम ब्रोम का प्रयोग किया जा सकता है। इन औषधियों में से किसी भी औषधि का सेवन सप्ताह में एक बार करना चाहिए।
11. सीपिया- अगर सिर की त्वचा में से गीली रूसी झड़ती रहती है तो सीपिया औषधि की 6 शक्ति का हर 6 घंटे के बाद सेवन करने से लाभ मिलता है।
12. सल्फर- सिर पर से मोटी सी रूसी झड़ने पर हर 6 घंटे के बाद सल्फर औषधि की 30 शक्ति रोगी को देना लाभदायक होता है।
13. रेडियम-ब्रोम- अगर रोगी को सिर में रूसी होने के साथ खुजली भी होती है तो उसे सप्ताह में एक बार रेडियम-ब्रोम औषधि की 3 शक्ति देना लाभकारी होता है।
14. फ्लोरिक-ऐसिड- सिर में सूखी रूसी होने के साथ अगर बाल भी झड़ते हैं, सिर में खुजली होती है तो फ्लोरिक-ऐसिड औषधि की 3 शक्ति हर 4 घंटे के बाद लेने से लाभ मिलता है।
15. आर्सेनिक-एल्बम- कमजोर शरीर के रोगियों के सिर पर रूसी होने पर आर्सेनिक-एल्बम औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग हर 4 घंटे के बाद करना चाहिए।
16. ओलियेन्डर- रोगी के सिर में बहुत तेज खुजली हो जो बर्दाश्त न हो, सिर में खुजली वाले छोटे-छोटे से दाने निकलना, रूसी झडना, सिर में इतनी तेज खुजली होती है कि रोगी की खाल तक उतर जाती है, सिर में गीली खुजली होना जैसे लक्षणों में ओलियेन्डर औषधि की 3 या 30 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।
17. ग्रैफाइटिस- अगर सिर में सूखी सी पपड़ी जम जाए, बहुत ज्यादा खुजली हो, बाल झड़ते हो तो रोगी को ग्रैफाइटिस औषधि की 6 शक्ति हर 6 घंटे के बाद सेवन करने से लाभ मिलता है।
18. मेजेरियम- अगर रोगी के सिर में रूसी होने के कारण बाल झड़ते हैं और खुजली होती है तो उसे हर 4 घंटे के बाद मेजेरियम औषधि की 3 शक्ति का सेवन करना चाहिए।
19. बैसीलिनम-
सिर में रूसी होने या अन्य स्थान पर रूसी होने पर बैसिलिनम औषधि की 200 शक्ति का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
इस रोग में कभी-कभी क्राइसोफैनिक एसिड- 3x या 3 शक्ति, टेल्यूरियम- 30 शक्ति, फ्लोरिक एसिड- 3 शक्ति एवं मेजेरियम- 3 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।
इस रोग में कभी-कभी क्राइसोफैनिक एसिड- 3x या 3 शक्ति, टेल्यूरियम- 30 शक्ति, फ्लोरिक एसिड- 3 शक्ति एवं मेजेरियम- 3 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।
विशेष प्रयोग-
रोगग्रस्त स्थान पर बेसन या खली लगाकर गर्म पानी से प्रतिदिन धोना चाहिए। इस रोग में सुहगा ग्लिसरिन के साथ मिलाकर रोगग्रस्त स्थान पर लगाएं इससे लाभ मिलेगा। रोगी को प्रतिदिन नहाना चाहिए और त्वचा को साफ-स्वच्छ रखना चाहिए।
जानकारी-
नहाते समय या बालों को धोते समय बालों में तेल या शैम्पू करते हुए धीरे-धीरे से मालिश करनी चाहिए, इससे सिर में खून का बहाव तेज होता है और सिर की त्वचा भी सूखने से बच जाती है।
पूरे सप्ताह में ज्यादा से ज्यादा सिर में 2 बार शैंपू करना चाहिए।
बालों में दही लगाकर धोने से सिर की रूसी समाप्त हो जाती है।
ज्यादा मसालेदार और तली हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
बालों में ज्यादा बालों की क्रीम या जैल आदि नहीं लगाना चाहिए।
पूरे सप्ताह में ज्यादा से ज्यादा सिर में 2 बार शैंपू करना चाहिए।
बालों में दही लगाकर धोने से सिर की रूसी समाप्त हो जाती है।
ज्यादा मसालेदार और तली हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
बालों में ज्यादा बालों की क्रीम या जैल आदि नहीं लगाना चाहिए।
.नोट -होमियोपैथी लक्षणों का बिज्ञान का है लक्षण मिलने पर ही दवा फ़ायदा करती है इसलिए अपने निकटतम स्थानीय पंजीकृत होमियोपैथी चिकित्सक से से सलाह लेकर ही औषधि का सेवन करें
किर्पया किसी भी शंका के निवारण के लिए आप मेसेज करे क्योकि सभी शेयर की गई पोस्ट पर जा कर सवालो का जवाब देना संभव नहीं हो पता है
यह दवायें केवल उदहारण के तौर पर दी गयी है। कृपया किसी भीदवा का सेवन बिना परामर्श के ना करे, क्योकि होम्योपैथी में सभीव्यक्तियों की शारीरिक और मानसिक लक्षण के आधार पर अलग -अलग दवा होती है।
Dr.GurpreetSingh Makkar
HOMEOPATHIC PHYSICIAN
SUKHMANI HOMEOPATHIC MULTISPECIALITY CLINIC
9872-735707
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