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मोटापा होम्योपैथिक चिकित्सा

मोटापा होम्योपैथिक चिकित्सा 
 मोटापा (अंग्रेज़ी: Obesity) वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है।यह आयु संभावना को भी घाटा सकता है। शरीर भार सूचकांक (बी.एम.आई), मानव भार और लंबाई का अनुपात होता है, जब २५ कि.ग्रा./मी. और ३० कि.ग्रा/मी के बीच हो, तब मोटापा-पूर्व स्थिति; और मोटापा जब ये ३० कि.ग्रा/मी. से अधिक हो।मोटापा बहुत से रोगों से जुड़ा हुआ है, जैसे हृदय रोग, मधुमेह, निद्रा कालीन श्वास समस्या, कई प्रकार के कैंसर और ऑस्टेयोआर्थ्राइटिस मोटापे का प्रमुख्य कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य का सेवन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, आनुवांशिकी का मिश्रण हो सकता है। हालांकि मात्र आनुवांशिक, चिकित्सकीय या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में पाये जाते हैं। 

कारण
मोटापे के कई कारण हो सकते है। इनमें से प्रमुख है:-
·        मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है।·        अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापा का कारण है।·        कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है।·        असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापा का कारण बनता है।·        शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है।·        बाल्यावस्था और युवावस्था के समय का मोटापा व्यस्क होने पर भी रह सकता है।·        हाइपोथाइरॉयडिज़्म

उचित वजन

एक युवा व्यक्ति के शरीर का अपेक्षित वजन उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए, जिससे कि उसका शारीरिक गठन अनुकूल लगे। शरीर के वजन को मापने के लिए सबसे साधारण उपाय है बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) और यह शरीर के व्यक्ति की लंबाई को दुगुना कर उसमें वजन किलोग्राम से भाग देकर निकाला जाता है। http://bits.wikimedia.org/static-1.24wmf9/skins/common/images/magnify-clip.pngएक अत्यधिक मोटे व्यक्ति, जिसका भार/लंबाई अनुपात ४६ कि.ग्रा/मी: भार:१४६ ki.grA (३२२ पाउण्ड), ऊंचाई १७७ से.मी ( फीट १० इंच)
भार/लंबाई अनुपात
वर्गीकरण
< 18.5
कम भार
18.5–24.9
सामान्य भार
25.0–29.9
अधिक भार
30.0–34.9
श्रेणी- मोटा
35.0–39.9
श्रेणी- मोटा
> 40.0
  श्रेणी- मोटा  
वजन कम करने के लिए लिये उपभोग की जानेवाली खाद्य पदार्थों में यह ध्यान रखना चाहिए कि उनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो और चर्बी तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो।आकडे़ , मोटापे पर नियंत्रणकुछ आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2008 में दुनिया के 9.8 प्रतिशत पुरुष और 13.8 प्रतिशत महिलाएँ मोटापे का शिकार थीं और उनका बीएमआई 30 से अधिक था। अगर इसकी तुलना 1980 के आंकड़ों से करें तो उस समय 4.8 प्रतिशत पुरुष और 7.9 प्रतिशत महिलाएँ मोटापे का शिकार थे। प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों में मोटापा पूरी दुनिया में सबसे अधिक है और वहाँ बीएमआई का औसत 34 से 35 के बीच है। यह दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों और उप सहारीय अफ़्रीकी देशों की तुलना में 70 प्रतिशत से अधिक है। लेकिन शेष दुनिया में मोटापे का संबंध आय से रहा है और अधिक आय वाले देशों में मोटापा अधिक बढ़ा है। वर्ष 1980 से 2008 के बीच अमीर देशों में सबसे अधिक बीएमआई अमरीका मे। बढ़ा। इसके बाद महिलाओं में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का नंबर आता है जबकि पुरुषों के मोटापे के मामले अमरीका के बाद सबसे अधिक ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में मिले। पश्चिमी यूरोप के कुछ देशों में लोगों ने अपने बीएमआई का स्तर यथावत बनाए रखने में सफलता पाई है। बेल्जियम, फ़िनलैंड, फ्रांस, इटली और स्विट्ज़रलैंड में महिलाओं के बीएमआई में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। जबकि इटली और स्विट्ज़रलैंड में पुरुषों के बीएमआई में मामूली सी ही बढ़त दर्ज की गई। 
मोटापा घटाने के उपाय


कुछ घरेलु नुस्खे 

 1.मूली के रस में थोडा नमक और निम्बू का रस मिलाकर रोजाना पी लेने से मोटापा कम हो जाता है और body सुडौल हो जाता है।

 2.गेहूं, चावल,बाजरा और साबुत मूंग को समान मात्रा में लेकर सेककर इसका दलिया बना लिजिएं। इस दलिये में अजवायन 20 grams तथा सफ़ेद तिल 50 grams भी मिला दें। 50 grams दलिये को 400 मि.ली.जल में पकाएं। स्वादानुसार सब्जियां और हल्का नमक मिला लिजिएं। रोजाना एक महीनें तक इस दलिये के सेवन से मोटापा और मधुमेह में आश्चर्यजनक लाभ होता है।

 3.अश्वगंधा के एक पत्ते को हाथ से मसलकर गोली बनाकर Daily सुबह-दोपहर-शाम को भोजन से एक घंटा पहले या खाली पेट जल के साथ निगल लिजिएं। एक सप्ताह के daily सेवन के साथ फल,सब्जियों,दूध,छाछ और जूस पर रहते हुए कई किलो weight कम हो सकता है।

 4.आहार में गेहूं के आटे और मैदा से बने सभी भोजनों का सेवन एक महिने तक बिलकुल बंद रखें। इसमें रोटी भी शामिल है। अपना पेट पहले के 4-6 दिन तक केवल दाल,सब्जियां और मौसमी फल खाकर ही भरें। दालों में आप सिर्फ छिलके वाली मूंग कि दाल, अरहर या मसूर कि दाल ही ले सकतें हैं चनें या उडद कि दाल नहीं। सब्जियों में जो इच्छा करें वही ले सकते हैं। गाजर,मूली,ककड़ी,पालक,पतागोभी,पके टमाटर और हरी मिर्च लेकर सलाद बना लिजिएं। सलाद पर मनचाही मात्रा में कालीमिर्च,सैंधा नमक,जीरा बुरककर और निम्बू निचोड़कर खाएं। बस गेहूं कि बनी रोटी छोडकर दाल,सब्जी,सलाद और एक गिलास छाछ का भोजन करते हुए घूंट घूंट करके पीते हुए पेट भरना चाहिए। इसमें मात्रा अधिक भी हो जाए तो चिंता कि कोई बात नहीं। इस प्रकार 6-7 दिन तक खाते रहें। इसके बाद गेहूं कि बनी रोटी कि जगह चना और जौ के बने आटे कि रोटी खाना शुरू कीजिए। 5 किलो देशी चना और 1 kg जौ को मिलकर साफ़ करके पिसवा लिजिएं। 6-7 दिन तक इस आटे से बनी रोटी आधी मात्रा में और आधी मात्रा में दाल,सब्जी,सलाद और छाछ लेना शुरू कीजिए। एक महीने बाद गेहूं कि रोटी खाना शुरू कर सकते हैं but शुरुआत एक रोटी से करते हुए धीरे धीरे बढाते जाएँ। भादों के महीने में छाछ का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिये इस महीनें में छाछ का प्रयोग नां कीजिए।

 5. एरण्ड की जड़ का काढ़ा बनाकर उसको छाले और  1-1  spoon की मात्रा में शहद के साथ दिन में तीन time नियमित लेने करने से मोटापा दूर होता है।

6. चित्रक कि जड़ का चूर्ण (Powder) 1 gram की  मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम  नियमित  रूप से सेवन करने और खानपान का परहेज करनें से भी मोटापा दूर हो सकता है।

        तला खाना कम खायें

·        ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जी खायें।·        रेशायुक्त खाद्य पदार्थ का सेवन अधिक से अधिक करें जैसे अनाजचना और अंकुरित चना।·        शरीर के वजन को संतुलित रखने के लिए रोजाना कसरत करें।·        धीरेपरंतु लगातार वजन को कम करें।·        ज्यादा उपवास से शारीरिक नुकसान हो सकता है।·        शारीरिक क्षमता को संतुलित रखने के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।·        थोड़-थोड़े अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाना खायें।·        भोजन में चीनीचर्बीयुक्त खाद्य पदार्थ और अल्कोहल कम लें।·        कम चर्बी वाले दूध का सेवन करें।·        ब्रिटेन में हुए एक शोध में दावा किया है कि लाल मिर्च शरीर में व्याप्त अवांछित कैलोरी जलाने एवं मोटापा घटाने में मददगार साबित हो सकता है। शोध का नेतृत्व करने वाले पड्र्यू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिचर्ड मैट्स ने बताया कि मिर्च में मौजूद कैप्सेसिन तत्वजो मिर्च को गर्मी देता हैभूख कम कर सकता है और कैलॉरी को जलाते हुए ऊर्जा की खपत बढ़ा सकता है। शोध में लाल मिर्च के मसाले की मात्रा की भी चर्चा की गई है। इसके अनुसार एक ग्राम या आधा चम्मच लाल मिर्च का पाउडर बहुत से लोगों के लिए स्वीकार्य है। शोध में सामान्यतसूखी लाल मिर्च को शामिल किया गया।  जी हाँ...अब आप अपने बढते मोटापे के लिए भी होम्योपैथी जैसी निर्दोष चिकित्सा अपना सकते है

होम्योपैथिक चिकित्सा मोटापा एवं उसके विभिन्न पहलुओं का उपचार करता है। इन दवाओं से पाचन क्रिया सुदृढ़ होती है, चयापचय की क्रिया अच्छी होती है जिसकी वजह से मोटापा कम होता है।
वजन घटाने के लिए कई लोग होम्योपैथी उपचार का सहारा लेते हैंवजन घटाने के लिए होम्योपैथिक उपचार को सुरक्षित माना गया है एवं यह सभी उम्र के लोगों के लिए कारगर एवं उपयुक्त होता है क्योकि ये बहुत हीं कोमल और पतले होते हैं और आमतौर पर इनका शरीर पर कुप्रभाव नहीं होता।होम्योपैथिक उपचार बहुत हीं प्रभावी होते हैंआप वजन घटाने के लिए यदि कोई अन्य प्राकृतिक पूरक या उपचार ले रहे हैं तो भी आप होम्योपैथिक दवाइयां ले सकते हैं क्योंकि यह दूसरे उपचार में तो अवरोध पैदा करता है हीं बुरा प्रभाव डालता है।वजन घटाने के लिए होम्योपैथी में कई प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं। वजन घटाने से पूर्व एक महत्वपूर्ण बात पर विचार अवश्य कर लेना चाहिए कि आप कितने मोटे हैं तथा आपको कितना वजन घटाने की जरूरत है। इसके लिए आपको होम्योपैथिक चिकित्सक से मिलकर वजन कम करने के सबसे अच्छे विकल्प का परामर्श लेना चाहिए साथ हीं उपचार शुरू करने से पूर्व आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आपको अपने जीवन शैली में क्या क्या बदलाव लाना है।

वजन घटाने के लिए कुछ सबसे आम और प्रभावी उपचार निम्न प्रकार के होते हैं:
एंटीमोनिअम क्रूडमअर्जेन्टम नाईट्रीकम केलकेरिया कार्बोनिकाकोफिया क्रूडाकेपसिकम


कैलोट्रोपिस जाइगैन्टिया Q – इस दवा की 5-5 बूंदें आधा कप पानी में मिलाकर  प्रतिदिन तीन बार लेने से कुछ ही दिनों में मोटापा कम होने लगता हैं |

फाइटोलक्का बेरी O, 3x – यह मोटापा घटाने की अत्यन्त प्रसिद्ध दवा है । इस दवा का नियमित सेवन करने से मोटापा कम होने लगता है । इसके साथ नैट्रम सल्फ 200 भी लेने से अधिक लाभ होता है ।

फ्युकस वेसिक्यूलॉसस Q –  यह दवा मोटापा घटाने की सर्वोत्तम औषधि है क्योंकि इसमें आयोडीन प्रचुर मात्रा में होता है । इसका सेवन लम्बे समय तक करना चाहिये ।

कल्केरिया कार्ब 200 –  व्यक्तियों की शारीरिक बनावट इस दवा के लक्षणों से मिलती-जुलती है उन्हें यह दवा देने से उनकी शारीरिक बनावट बदल जाती है और उनका मोटापा कम होने लगता है ।

ग्रेफाइटिस 200 – ऐसे व्यक्ति जिनका मोटापा बेढंगा है जैसे- पेट, कूल्हे आदि पर चर्वी एकत्र होकर बेडौल मोटापा बढ़ता हो तो व्यक्ति को यह दवा अवश्य देनी चाहिये । अगर रोगी गोरे रंग का है तो यह दवा अधिक लाभप्रद सिद्ध होगी ।

पीडोफाइलम 30 – यदि मोटापे के कारण केवल पेट बढ़ रहा हो तो यह दवा देनी चाहिये । साथ ही, नैट्रम सल्फ 12x देना भी उपयोगी है ।

एसकुलेन्टाइन Q – यह दवा निरापद रूप से अतिशीघ्र चर्वी को घटाकर शरीर को सुडौल बनाती है। यह कलेजे को मजबूत बनाती है और सर्वांगीण स्वास्थ्य को सुधारती है । मोटे व्यक्तियों के वातज रोगों और ददों को दूर करने की इसमें अमोघ शक्ति है ।

सोपिया 200 – यदि कोई स्पष्ट कारण न हो और स्त्रियों का पेट अनावश्यक रूप से बढ़ रहा हो तो इस दवा की एक मात्रा प्रति सप्ताह देने से पेट नहीं बढ़ता है और अपनी स्वाभाविक अवस्था में रहता है ।

क्रोकस सैटाइवा 30 – यदि प्रसव के बाद स्त्रियों का पेट लटक जाये या बड़ा हो जाये तो यह दवा प्रतिदिन तीन बार देने से कुछ ही दिनों में लाभ होता है ।

सल्फर 30 – बच्चों का पेट विना स्पष्ट कारण के बढ़ने पर उन्हें यह दवा देनी चाहिये ।

//सावधान//यदि आप घर पर अपना वजन कम करने के लिए स्वयं होम्योपैथिक उपचार कर रहे हैं.., तो कृपया रुके....., इस प्रकार से आप अपना स्वास्थय और खराब कर सकते है |एक सुयोग्य होम्योपैथिक चिकित्सक आपके शरीर के अद्वितीय पैटर्न एवं कार्य क्षमता इत्यादि को ध्यान में रखकर आपके लिए उपचार निर्धारित करते हैं। अतः पहले किसी सुयोग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह जरुर ले...फिर उपचार आरम्भ करे.
यह दवायें केवल उदहारण के तौर पर दी गयी है। कृपया किसी भीदवा का सेवन बिना परामर्श के ना करे, क्योकि होम्योपैथी में सभीव्यक्तियों की शारीरिक और मानसिक लक्षण के आधार पर अलग -अलग दवा होती है।

Dr.GurpreetSingh MakkarHOMEOPATHIC PHYSICIAN SUKHMANI HOMEOPATHIC MULTISPECIALITY CLINIC9872-735707WWW.ASKDRMAKKAR.COM

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